THE BASIC PRINCIPLES OF PANCHMUKHI HANUMAN

The Basic Principles Of panchmukhi hanuman

The Basic Principles Of panchmukhi hanuman

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जनकसुता हरि दास कहावो, ताकी शपथ विलम्ब न लावो ।

हर बाधाओं को दूर करने हेतु, तनाब मुक्त रहने के लिए, यात्रा प्रारंभ से पहले, बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु एवं मनोकामनाएं सिद्धि के लिए श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें।

जन के काज विलम्ब न कीजै, आतुर दौरि महा सुख दीजै।

Lord Hanuman has the facility to interrupt the bondage of karma and liberate a single from the karmic cycle of lifetime and Loss of life.

यह बजरंग बाण जेहि मारै, ताहि कहो फिर कौन उबारै ।

Embrace the transformative journey that this mantra presents, and witness the good effects it may have on your spiritual expansion, nicely-currently being, and In general life. Could the blessings of Panchmukhi Hanuman information and secure you on your path of self-discovery and enlightenment.

हनुमान चालीसा, लाभ, पढ़ने का सही समय, क्यों पढ़ें?

गंगा अष्टोत्तर-शतनामस्तोत्र - नामावली

 लंका जारि असुर संहारे । सियाराम जी के काज सँवारे ॥

लाह समान लंक जरि गई, जय जय धुनि सुरपुर में भई ।

[145] He's depicted as putting on a crown on his head and armor. He is depicted as an albino with a solid character, open up read more mouth, and at times is revealed carrying a trident.

ॐ ऐं ह्रीं हनुमते रामदूताय लंकाविध्वंसनाय अंजनी गर्भ संभूताय शाकिनी डाकिनी डाकिनी विध्वंसनाय किलिकिलि बुबुकारेण विभिषणाय हनुमद्देवाय ॐ ह्रीं श्रीं हौं हाँ फट् स्वाहा।।

ॐ नमो हनुमते उर्ध्वमुखाय हयग्रीवाय रुं रुं रुं रुं रुं रूद्रमूर्तये प्रयोजन निर्वाहकाय स्वाहा

उक्त लेख में दीपावली पर हनुमान पूजा मुहूर्त दिया गया है। भारत के कुछ क्षेत्रों में दीवाली पूजा से एक दिन पूर्व काली चौदस के दिन हनुमान जी की पूजा की जाती है। इस अवसर पर अयोध्या स्थित प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मन्दिर में भव्य रूप से श्री हनुमान जन्मोत्सव का आयोजन किया जाता है।

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